हरदम हाथ थाम कर चलना मेरा,
इस मोहब्ब्त की डगर नहीं आसान,
हर मोड़ पर, न जाने कितनी कसौटियों से भरा है,
ये रस्ता अनजान,
यक़ीन करके अपनी मोहब्ब्त पर,
हमेशा हिम्मत जुटा लेना,
एक आख़िरी कसौटी भी होगी, जहां सब हो जायेगा पार,
बस हिम्मत रखना और करना उस कसौटी का ‘इन्तज़ार’॥